25 दिसंबर
१ .
मैं जीसस हूँ,माता मरियम का यश उज्ज्वल
मैं,ईश्वर का प्रिय-पुत्र,धरा की कीर्ति अमल
मुझसे निःसृत होती करूणा की परिभाषा
मिटते जीवन को मिल जाती मुझसे आशा
है शूल-विद्ध मेरा शरीर , बह रहा रक्त
पर, मैं हूँ शुद्ध,बुद्ध आत्मा,शाश्वत विरक्त
२.
मैं, मेरी मैडगलिन के अंतर्मन का स्वर
मैं ,मानवता की महिमा का मूर्तन,भास्वर
मैं रक्त-स्नात करूणा से ज्योतित क्षमा-मूर्ति
मैं क्रूर आततायी की हूँ कामना-पूर्ति
मैं अपरिसीम ,अव्यक्त वेदना का समुद्र
मुझमें मिलकर अनंत बन जाता,क्षणिक,क्षुद्र
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आज भी,
यदि कोई, किसी को शूली पर चढ़ा दे,
शूल की भयानक वेदना से वह व्यक्ति तड़प रहा हो,
रक्त बहता जा रहा हो,
बेहोशी छाती जा रही हो,
और ऐसे में ,ऐसा व्यक्ति
शूली पर चढाने वाले के लिए अपने पिता
परमेश्वर से प्रार्थना करे कि -
'' हे पिता ! इन्हें क्षमा करना क्योकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं..''
तब,
ऐसे व्यक्ति को,
आज भी सारा विश्व
ईश्वर का पुत्र
कह कर पुकारेगा.
जीसस क्राइस्ट ईश्वर के पुत्र थे !
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आज भी,
यदि कोई, किसी को शूली पर चढ़ा दे,
शूल की भयानक वेदना से वह व्यक्ति तड़प रहा हो,
रक्त बहता जा रहा हो,
बेहोशी छाती जा रही हो,
और ऐसे में ,ऐसा व्यक्ति
शूली पर चढाने वाले के लिए अपने पिता
परमेश्वर से प्रार्थना करे कि -
'' हे पिता ! इन्हें क्षमा करना क्योकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं..''
तब,
ऐसे व्यक्ति को,
आज भी सारा विश्व
ईश्वर का पुत्र
कह कर पुकारेगा.
जीसस क्राइस्ट ईश्वर के पुत्र थे !
माता मरियम ,
जीसस
और
मेरी मैडगलिन
को
नमन
----अरविंद पाण्डेय