... मैं नारी हूँ : 2
श्री दुर्गा पूजा के महापर्व पर विश्व की सभी शक्ति-स्वरूपिणी नारियों को समर्पित.
श्री दुर्गा पूजा के महापर्व पर विश्व की सभी शक्ति-स्वरूपिणी नारियों को समर्पित.
३
मुझसे ही है अस्तित्ववान कण कण पदार्थ.
मुझसे ही है प्रज्ज्वलित मनुज में सकल स्वार्थ.
मैं सिद्ध पुरुष का अंतर भी कामुक कर दूं.
मैं चाहूँ तो कामुक नर को निष्काम करूं.
प्रत्येक पुरुष का चित्त,बस मुझी में विहरे.
है शांत वही जो माँ कहकर आराधना करे.
४
जब पुरुष बुभुक्षित तब मैं उसकी हूँ माता.
मैं भव-सागर में डूब रहे नर की त्राता.
मैं रमण-भाव पीड़ित पुरुषों की हूँ रमणी.
मैं प्रणत पुरुष की इच्छाओं की हूँ भरणी.
मेरे मंद-स्मित से मृत उपवन महक उठे .
मेरे प्रमत्त नयनो से योगी बहक उठे .
५
मैं आदि-पुरुष की कामत्रिषा की मधुशाला.
मैं बनी मोहिनी,शिव के मन को मथ डाला.
जो पुरुष-सिंह हुंकार भर रहा हो, अविजित.
वह मृग सा मेरे पास रहेगा, सम्मोहित.
मैं क्रुद्ध अगर तो हो जाएगा विश्वयुद्ध .
मैं प्रेमपूर्ण तो शान्ति रहेगी अनवरुद्ध
----अरविंद पाण्डेय
It is a very lovely Poem worth apprecating by all.
जवाब देंहटाएंIt's a very lovely Poem worth appreciating.
जवाब देंहटाएंMain naree shaktee ko shakti ke roop men hee dekhana chahtee hun. Kamjor nahee. Aapkee kavita sarahniya hai.
जवाब देंहटाएंhamaree parampara naree ke sarahana hai,upasana hai, naree ko kamjor dukhee aur ashaya dekhana mere ego ko swikar naheen hai.
Naree shaktee ko dikhane ke liye shukriya.
बहुत ही सुन्दर कविता है ...जितनी तारीफ की जाये कम है .....धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंआपने नारी शक्ति को इतनी खूबसूरती से कविता रूपी धागे में पिरोये है... हम माताए धन्य हो गये ....!!!
very lovely & nice poem....
जवाब देंहटाएंvery perfect or meaningful....
very nice or meaningful poem...
जवाब देंहटाएंइस कविता में जिस तरह से नारी का वर्णन किया गया है वह अपना आप में अतुलनीय है. मैं आपके इस कविता की प्रशंसा करता हूँ.
जवाब देंहटाएंA woman is delicate and she is eqaully tough..
जवाब देंहटाएंTO be a woman is like being strong and portraying u r not..
is like supporting someone and creating an illusion that u want some..
But wen all the illusions are shatterd..and reality is not that pleasant ..
Still woman goes by her integrity and her belief..
A woman is nothing and still everything
नारी शक्ति को परिभाषित करती उत्कृष्ट कविता |
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