रविवार, 18 अक्टूबर 2009

आओ कुछ दीप-पुंज , ऐसा प्रज्ज्वलित करें ,

ऋषियों के ज्ञान के प्रकाश में ,

आओ कुछ दीप-पुंज ,

ऐसा प्रज्ज्वलित करें ,

जो इस धरती माँ का ,

घना अन्धकार हरे ...



----अरविंद पाण्डेय

6 टिप्‍पणियां:

  1. bhahman ko aalokit kerne ka suvichaar ,rihsiyon ke gyan punh se, bahut khub!anukerniya

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  2. दिवाली की समस्त शुभकामनाएं पुरे परिवार को ...


    अर्श

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  3. CONGRATULATIONS ON OPENING OF UR BLOG !!!!!!!!!!!

    ऋषियों के ज्ञान के प्रकाश में ,

    आओ कुछ दीप-पुंज ,

    ऐसा प्रज्ज्वलित करें ,

    जो इस धरती माँ का ,

    घना अन्धकार हरे

    BAHUT KHUB ...bahut hi sundar rachna se shuruaat hui hai ...

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  4. शुभ हो ...शुभ दीपावली ...
    बहुत लम्बे अन्तराल के बाद ब्लॉग अपडेट है ...

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  5. आदरनिये,
    आपके द्बारा सृजित रचना और कला संसार को पढ़ी और देखी, अत्यंत प्रसन्नता हुई| कर्म, योग, साहित्य, कला, आदि का समायोजन और प्रतिपालन आप उत्कृष्टता से करें, बहुत शुभकामनायें|

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  6. aapki iss nek aur paavan
    prarthanaa mein
    hm sb bhi shaamil hain
    a s t u

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