मैं श्रमिक ईश के उपवन का,
मैं ही मादक मधु, मधुवन का.
मेरे ही श्रम से महक रहा ,
कोना कोना नंदन-वन का.
श्रम से संकल्प संवरता है,
श्रम से सौन्दर्य निखरता है.
जो श्रमिक वही फलदार वृक्ष सा
मधुर स्वादु फल, फलता है.
श्रम से शिव का अभिषेक करें.
आओ श्रम से संताप हरें .
अरविंद पाण्डेय
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