अभिव्यक्ति की आज़ादी लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
अभिव्यक्ति की आज़ादी लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

रविवार, 16 अक्टूबर 2016

अभिव्यक्ति की आज़ादी

उन्हें  चाहिए अभिव्यक्ति की आज़ादी,
क्योंकि चाहिए उन्हें मुल्क़ की बरबादी.

अभिव्यक्ति की आज़ादी जब पा जाएंगे,
हर #विद्यालय को #युद्धालय में बदलेगें.

रावण, महिषासुर को फूल चढाएगें.
राष्ट्रगान की जगह गीत यह गाएंगे -
"अफ़ज़ल हम शर्मिन्दा हैं,
  तेरे क़ातिल ज़िंदा हैं."

मगर सुनों अब जाग उठा है हिंदुस्तान.
जाग उठा क़ानून और सोया सुल्तान.
-- अरविन्द पांडेय .