ये सच है कि ये ताज तुम्हें दे रहा ठंडक.
सेहरा के सहर सा मगर होगा ये जल्द गर्म.
सब कुछ भुला दिया करो ,पर याद ये रखो.
देना पडेगा हर जवाब आखिरत के दिन.
अपने ही फैसले से क्यों खुरच रहे हो तुम.
चहरे पे चढ़ा है जो सफेदी का मुलम्मा.
ताकत है बेशुमार दिया जिस अवाम ने.
उसके ही बर-खिलाफ लिख रहे हो फैसले..
जम्हूरियत में ताज को समझो न तुम जागीर.
इस मुल्क में अवाम का नौकर है हर वजीर.
करते हुए भी जुर्म जब कांपें न तेरे हाथ.
बस जान लो अल्लाह का अज़ाब आ गया.
अजाज़ को माथे पे भी रखा करो कभी.
आखिर,तुम्हारा ताज भी होगा सुपुर्द-ए-खाक.
=======================
अजाज़=मिट्टी.
अज़ाब= ईश्वरीय दंड
----अरविंद पाण्डेय
Let me congratulate you for projecting real picture as what is going on today in the field of administration and that should be an eye-opener for all who are at the helm of affairs that one day, every body have to explain their conduct to the highest court when they leave the worldly earth! By humiliating one who is honest, sincere and upright. the culprit responsible for unrest harms himself/herself very badly as it brings bad name to all who are responsible in shielding those miscreants who go unpunished. It brings bad name to the administration as whole and for that one has to be very cautious in his/her approach and dealing as he/she has to face much bigger than apex court when he/she bids good-bye to this worldly earth.
जवाब देंहटाएंamazing words sir like always..regards..:)
जवाब देंहटाएंबहुत खूब! लाजवाब!!
जवाब देंहटाएंSo powerful.... har sabd agagh kar raha hai anjaam kya hoga......wish repentance is not the end result !!!
जवाब देंहटाएंजम्हूरियत में ताज को समझो न तुम जागीर .....
जवाब देंहटाएंसर बहुत खूब, आपने अपने भाव को बेहतरीन अंदाज में हम सब तक पहुंचा दिये|
उम्मीद है कि ये आवाज हर वजीर तक पहुंचे और वो समय रहते जग जाये|
धन्यवाद --- आइन्स्टीन कुंवर .......
जबरदस्त प्रहार !
जवाब देंहटाएंबस अब तख्त गिराए जाने और ताज उछाले जाने का इंतज़ार है ।
aasmaan mein udtay hue pairon ko waapas dharti par paer tikaane mein aur aatmbodh ke liye bahut madadgaar hogi ye rachnaa . ati sundar.........dhanyawaad.......
जवाब देंहटाएंपरम आदरणीय सर , आज तो अपने श्रेष्ठ वीर रस की कविता लिखी हैं , इस अति उत्तम कविता प़र आपको हार्दिक शुभकामनाये , साथ साथ हम आशा करेंगे आप और भी इन्ही तरह की कवितायों को लिखकर सभी लोगो को जगाये रखे ...जय हिंद !!!!!
जवाब देंहटाएंSIR
जवाब देंहटाएंYOU ARE PROJECTING REAL PICTURE OF THE SOCITIAL EVIL ; I LIKE TO THANKS YOU AND I WISH TO YOU HAVE TO MAKING NEW MILE STONE IN'VICHAR KRANTI'
V S SHARMA
आखिर एक दिन सबको जवाब देना पड़ेगा उस ईश्वर के सामने , देर सवेर होना तो यही है , कोई माने या ना माने..
जवाब देंहटाएंलोकतंत्र का भरपूर तमाशा बना हुआ है अभी ...
सचेत करती अच्छी कविता !
ताक़त के दुरूपयोग के खिलाफ लिखी ताक़तवर रचना -
जवाब देंहटाएंअसरदार रचना है .
बधाई एवं शुभकामनायें
keep it up. the time is more than ripe and every 'vazeer' must realize the fact you have illustrated. If a high rank police officer thinks like this our nation is safe and prosperity will be for 'awaam'. insha-allah
जवाब देंहटाएंबेहतरीन भावपूर्ण रचना के लिए बधाई।
जवाब देंहटाएंbilkul sahi :-)
जवाब देंहटाएंबेहतरीन भावपूर्ण रचना
जवाब देंहटाएंbeautiful and heart toouching lines .... ................ keep it up sir
जवाब देंहटाएंreally heart touching lines u wrote sir,,,,,,,,,,,,,,,,
जवाब देंहटाएंrealy heart touching lines
जवाब देंहटाएं