सोमवार, 24 अक्टूबर 2011

कहना-खिंचा-खिंचा रहता है दिल,उनको कर याद..


कृष्ण-मित्र सुदामा:

कहना - श्वास श्वास में लेता हूँ उनका ही नाम.
गली-गली फिरता हूँ, मन में ही लेकर व्रज-धाम.
कहना-खिंचा-खिंचा रहता है दिल,उनको कर याद.
कहना-अब मुझको अपना लें,बस इतनी फ़रियाद...

वृदावन की यात्रा पर गए एक मित्र से सुदामा का श्री कृष्ण के लिए सन्देश :


--  अरविंद पाण्डेय