रविवार, 9 जून 2019

अलीगढ़ कांड और निर्भया फण्ड

अलीगढ़ कांड और  निर्भया फण्ड
निर्भया कांड के बाद भारत सरकार ने निर्भया कोष बनाया जिसके लिए आवंटित राशि से महिलाओं के विरुद्ध अपराध के निवारण-निरोध के लिए काम किया जाना था... क्या आपको पता है कि आपके अपने अपने राज्यों में उस कोष का कहां किस तरह का प्रयोग किया गया ?? नहीं ! तो उसे जानने की कोशिश कीजिए !
....उस कोष के प्रयोग के लिए  मैंने IG  कमज़ोर वर्ग के रूप में एक प्रस्ताव भारत सरकार के गृह मंत्रालय को 2013 में ही भेजा और वीडियो कॉन्फ्रेंस में भी उस प्रस्ताव की उपयोगिता पर विस्तृत रूप से बताया था !
... वह प्रस्ताव था -
1. महिला अपराधों से प्रभावित प्रत्येक थाना में एक अलग "महिला एवं बच्चों के लिए कक्ष" संस्थापित हो जो महिला अपराधों के संबंध में त्वरित कार्रवाई केंद्र
और
परामर्श केंद्र
के रूप में कार्य करेगा !
2. उस कक्ष में केवल महिला अधिकारी और महिला सिपाही प्रतिनियुक्त रहेगीं जिन्हें बच्चों और महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के संबंध में नियमित रूप से विशेष प्रशिक्षण दिया जाता रहेगा !
3. थाना में इस कक्ष के लिए एक अलग वाहन रहेगा जिसका प्रयोग उस कक्ष में पदस्थापित प्रभारी महिला अधिकारी द्वारा महिला या बच्चों के विरुद्ध अपराध के  संबंध में ही किया जाएगा !
.... उनकी योजना क्या थी ?
जिले में एक one stop centre स्थापित किया जाएगा जहां पुलिस अधिकारी, डॉक्टर, मनोचिकित्सक आदि रहेगे जो किसी भी महिला के विरुद्ध अपराध के बाद कानूनी कार्रवाई आदि करेगें !
... मैंने विमर्श में कहा कि यदि पटना के  मोकामा के किसी गांव में 12 बजे रात कोई इस तरह का अपराध होता है तो वह पीड़ित महिला पटना ज़िला मुख्यालय में स्थापित centre में कैसे आ पाएगी ??  उसे तुरंत सहायता चाहिए तो रात में उसे 30 किलोमीटर दूर आने के लिए विवश करना उचित है कि 2 किलोमीटर दूर उसके अपने थाना में लाकर महिला कक्ष के माध्यम से उसकी सहायता करनी उचित है ??
... मैंने कहा कि पीड़ित के रूप में सोचते हुए ही हमें कोई योजना क्रियान्वित करनी होगी...
... तो निर्भया फण्ड को गूगल में सर्च कीजिए पता कीजिए कि आपके अपने अपने राज्यों में उसका क्या उपयोग हुआ और कृपया टिप्पणी में लिखिए भी !
... 21 सदी में 18 वीं सदी की सोच रखने वाले नौकरों के कारण ही इस तरह की समस्याओं का वास्तविक समाधान नहीं हो पा रहा !
- अरविंद पांडेय
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