बुधवार, 4 जनवरी 2012

दीदावर बस वही है.

King Alexander and Philosopher Diogenes
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ये रंग रोशनी का जो है दिख रहा तुम्हें .
जो देख रहे तुम वो भी आँखों की सिफत है.
पर,दिख रही जो चीज़,हकीकत में वो क्या है.
जो जान ले ये राज़ , दीदावर बस वही है.

The Color, You are seeing is the spectrum of light.
The form of a thing is based on power of your sight.
But, He , who knows the reality of a perceptible thing,
Is breathes the essence of truth and is Seer - King.

I would not like to be Alexander,I would Prefer to be Diogenes..

© अरविंद पाण्डेय

किसी ऩे याद किया और कोई याद आया.



चन्द लफ़्ज़ों में ज़िन्दगी ये बयाँ होती है.
किसी ऩे याद किया और कोई याद आया.
जिसे आना न था वो आ गया बहुत पहले,
जिसे आना था वही बहुत देर से आया.


© अरविंद पाण्डेय .