कृष्णं वन्दे जगद्गुरुं
तरह तरह के बिक रहे हैं चिरागान यहाँ.
जिन्हें खरीदने को लोग परेशान यहाँ.
कोई चिराग ना मिला कि जो दिल खुश कर दे.
सदी की स्याह सियासत में रोशनी भर दे.
तो आओ दोस्त, सियासत को जगाया जाए
दिया, खुद अपनी शहादत का, जलाया जाए.
Aravind Pandey
www.biharbhakti.com
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