26 नवंबर :
संविधान-दिवस
और
संविधान पर आक्रमण का दिवस
हमने तो बहाया है खून बस ये सोचकर.
इस खून की हर बूँद पे वतन का क़र्ज़ है.
राहों में बनाएँ हैं शहादत के कुछ निशाँ,
उनको तो बचाना अब तुम्हारा भी फ़र्ज़ है.
-- अरविंद पाण्डेय
अरविंद पाण्डेय
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शहीदों को नमन..
जवाब देंहटाएंअत्यंत प्रभावी एवं भावप्रबल ....!!
जवाब देंहटाएंआभार ।
JARUR SIR JI
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