शिव सहिंता में ये कहा गया हैं ,,, एकः सत्यः पुरीतानन्दरूपः ,पूर्णो व्यापि वर्तते नास्ति किञ्चित् | आत्मा एक सत्य ,आनन्दमय ,पूर्ण एवं सर्व व्यापक हैं और जो जीवन के इस रहस्य को जान लेता हैं और जो आत्मा पति-पल इस सुख क अनुभव करती हैं वो इस संसार के सारे दुखों से मुक्त हो जाती हैं और आप के जीवन की ये मधु शाला इसी परालोकिक आनंद की साक्षी हैं ,,,,,,,,,,,,,,,,, हमें इसी आनंद के साक्षी बनाए रखे |
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जवाब देंहटाएंबेहतरीन श्रंखला।
जवाब देंहटाएंशिव सहिंता में ये कहा गया हैं ,,,
जवाब देंहटाएंएकः सत्यः पुरीतानन्दरूपः ,पूर्णो व्यापि वर्तते नास्ति किञ्चित् |
आत्मा एक सत्य ,आनन्दमय ,पूर्ण एवं सर्व व्यापक हैं और जो जीवन के इस रहस्य को जान लेता हैं
और जो आत्मा पति-पल इस सुख क अनुभव करती हैं वो इस संसार के सारे दुखों से मुक्त हो जाती हैं
और आप के जीवन की ये मधु शाला इसी परालोकिक आनंद की साक्षी हैं ,,,,,,,,,,,,,,,,,
हमें इसी आनंद के साक्षी बनाए रखे |