कब तक बंद करोगे,बोलो,
भारत को, भारत वालों.
कब तक लड़ना चाह रहे हो,
आपस में लड़ने वालों.
आधा भारत पहले से ही
बंद पड़ा है सदियों से.
ताकत है तो मुक्त करो
इस भारत को हथकड़ियों से.
आधा भारत तरस रहा है
कैसे उसको काम मिले.
पर,तुम केवल सोच रहे हो
सत्ता कैसे आन मिले.
हर निर्णय को जाति-धर्म का
वस्त्र तुम्हीं पहनाते हो.
फिर लोगों को मिलजुल कर
रहने का पाठ पढ़ाते हो.
-- अरविंद पांडेय.
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