कल देश के अधिकांश हिस्सों में 125 करोड़ लोगों में से सिर्फ 1-2 लाख लोग सड़कों पर बैनर तख्ती लेकर निकलेंगे और बाकी करोड़ों लोगों का चलना,फिरना, स्कूल जाना, अस्पताल जाना, सब्ज़ी-सामान बेचना-खरीदना मुहाल कर देगें .....
उच्च न्यायालयों के अनेक न्याय निर्णयों द्वारा अवैध घोषित बंद कल फिर होगा !!
.... इन बंद-बाज़ लोगों के पास पेट्रोल डीज़ल पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा वसूले गए टैक्स को किस किस काम में खर्च किया गया - , इसका विवरण नहीं होगा , बस कुछ नारे होंगे, कुछ स्टेटमेंट्स होंगे और कुर्सी पर बैठने की ललक होगी.....
.... पेटोल डीज़ल 50 रुपये में बिक सकता है अगर पूरा देश यह निर्णय करे कि अगले 10 सालों तक कोई ताजमहली बिल्डिंग नहीं बनेगी, 5 स्टार होटलों में कोई सरकारी सेमिनार नहीं होगा, और दूसरे गैरज़रूरी खर्चे नहीं किए जाएंगे ! लाखों करोड़ रुपए किसानों की कर्जमाफी के नाम पर खर्च किये जाते हैं -- ये पैसा भी पेट्रोल डीज़ल पर टैक्स लगाकर ही इकट्ठा किया जाता है....
..... आइए मैदान में मगर समाधान के साथ आइए ...
.... क्योंकि आपकी इस बंदबाज़ी से जिस दिन 125 करोड़ लोग नाराज़गी व्यक्त करने के लिए आमने सामने होंगे तो क्या होगा ।
-- अरविंद पाण्डेय
समसामयिक विचारणीय पोस्ट
जवाब देंहटाएं