शनिवार, 11 मई 2013

स्वर भी तुम, अक्षर भी तुम





कृष्णं वन्दे 

तुम स्वर में उतर पड़े हो,
मैं चुप कैसे रह जांऊ .
स्वर भी तुम, अक्षर भी तुम,
मैं तुम्हें लिखूं फिर गाऊं..



अरविंद पाण्डेय
 www.biharbhakti.com

2 टिप्‍पणियां:

आप यहाँ अपने विचार अंकित कर सकते हैं..
हमें प्रसन्नता होगी...