ॐ आमीन
मुमकिन है भूलना हमें नाम-ओ-निशान से
हम मिट न सकेगें, मगर,दौर-ए-जहान से
आएंगें तुम्हें याद हमारे ही सबक , दोस्त
जब जब कभी गुजरोगे किसी इम्तिहान से
भारत की आज़ादी के प्रथम योद्धा, अमर शहीद श्री मंगल पाण्डेय को,,
मेरी ओर से ,, आप सभी की ओर से समर्पित पंक्तियां ..............
सभी मित्रों को नमस्कार और शुभ शर्वरी !
अरविंद पाण्डेय
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