बुधवार, 6 फ़रवरी 2013

जीवन बस यूँ ही चलता है .




ॐ आमीन 

जीवन बस यूँ ही चलता है .

कुछ खोता,फिर, कुछ पाता है,
पाकर ज्यूँ ही इठलाता है,
दो पल चमक चमक कर सूरज,
बेबस हो, यूँ ही ढलता है ,

जीवन बस यूँ ही चलता है  ..



अरविंद पाण्डेय
 www.biharbhakti.com

2 टिप्‍पणियां:

  1. सत्य कहती रचना ...
    कृपया मेरे ब्लॉग पर पधार कर सरस्वती वंदना ज़रूर सुने ...!!
    आभार।

    जवाब देंहटाएं
  2. हर दिन जोड़ा,
    हर दिन तोड़ा,
    मैं वही बना,
    जो मन भाया।

    जवाब देंहटाएं

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