सर्वं खल्विदं ब्रह्म ..
बस एक भाव, बस एक शक्ति की है प्रतीति.
अब बिना रीति, तुमसे ,हे शिव ! हो रही प्रीति....
अद्वैत भाव की उपलब्धि ही जीवन परम ध्येय है जिसका किंचित आभास न्यूटन , आइंस्टीन जैसे श्रेष्ठ वैज्ञानिकों को जीवन के अन्तिक चरण में मिल पाता है ....... So, Good Morning and Happy This Precious Day of our lives.
बहुत सुन्दर भाव
जवाब देंहटाएंजितना चिंतन में बाँधों,
जवाब देंहटाएंतुम उतना ही भरमाते हो।