अरविन्द पाण्डेय का ब्लॉग
धन्यवाद...आपने लिखा है -"भेद, भीति ,भ्रम से विमुक्त हो सबका शिव-संकल्पित मन", पर हमारा शिव-संकल्प हो क्या?, अब मैं यह सोचने लगा हूँ।
आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (2.04.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ।
अर्थपूर्ण .... बहुत सुंदर
सुन्दर
सुन्दर पंक्तियाँ, बहुत सुंदर ........
divya prarthana -arthpoorna archna ....bahut sunder bhav .
भेद, भीति ,भ्रम से विमुक्त हो सबका शिव-संकल्पित मन...बहुत सुन्दर विचार...दार्शनिक भाव लिए है आपकी रचना की पंक्तियाँ .......
आप यहाँ अपने विचार अंकित कर सकते हैं..हमें प्रसन्नता होगी...
धन्यवाद...
जवाब देंहटाएंआपने लिखा है -"भेद, भीति ,भ्रम से विमुक्त हो सबका शिव-संकल्पित मन", पर हमारा शिव-संकल्प हो क्या?, अब मैं यह सोचने लगा हूँ।
आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (2.04.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंचर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ।
जवाब देंहटाएंअर्थपूर्ण .... बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंसुन्दर पंक्तियाँ, बहुत सुंदर ........
जवाब देंहटाएंdivya prarthana -
जवाब देंहटाएंarthpoorna archna ....
bahut sunder bhav .
भेद, भीति ,भ्रम से विमुक्त हो सबका शिव-संकल्पित मन...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर विचार...
दार्शनिक भाव लिए है आपकी रचना की पंक्तियाँ .......