ईश्वर का प्रथम नाम कवि है.. और मनुष्य, ईश्वर के सर्वाधिक निकट तब होता है जब उसमें कवित्व का आलोक, तरल होकर स्वर्णिम-सलिल सदृश उच्छल हो उठता है..विश्व इतिहास को प्रभावित करने वाली सभी क्रांतियों की पृष्ठभूमि '' कविता'' ने ही तैयार की. यह कवित्व ही है जो घने अन्धकार में भी प्रकाश का विश्वास बनाए रखता है...और शांत होकर, प्रकाश की प्रतीक्षा कर सकता है.इसलिए कवि की सत्ता सार्वभौम एवं सर्वोच्च है..... ...बहुत सुंदर।
बहुत ही जबरदस्त रक्तभरी कविता हैं ......
जवाब देंहटाएंबहुत ही गहरे भाव।
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जीवन का सूत्र...
NO French Kissing Please!
पर अब तो उठना ही होगा।
जवाब देंहटाएंईश्वर का प्रथम नाम कवि है.. और मनुष्य, ईश्वर के सर्वाधिक निकट तब होता है जब उसमें कवित्व का आलोक, तरल होकर स्वर्णिम-सलिल सदृश उच्छल हो उठता है..विश्व इतिहास को प्रभावित करने वाली सभी क्रांतियों की पृष्ठभूमि '' कविता'' ने ही तैयार की. यह कवित्व ही है जो घने अन्धकार में भी प्रकाश का विश्वास बनाए रखता है...और शांत होकर, प्रकाश की प्रतीक्षा कर सकता है.इसलिए कवि की सत्ता सार्वभौम एवं सर्वोच्च है.....
जवाब देंहटाएं...बहुत सुंदर।
Ultimate !!
जवाब देंहटाएंsunder ahvaan ..
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