तुम भी तो भारत माता हो.
अर्धरात्रि में जब सारी दुनिया सोई थी,
स्वतन्त्रता के नव-प्रकाश में,
भारतमाता जाग उठी थीं.
प्रतिदिन ही नव-रोज़गार के लिए तरसते भ्रमण कर रहे नर की नारी !
तुम भी तो प्रति अर्धरात्रि में,
जब सारी दुनिया सोती है,
भूखे शिशु को दूध पिलाने की कोशिश में,
अक्सर ही जागा करती हो..!
तुम भी तो भारत माता हो..
----अरविंद पाण्डेय
बहुत सुंदर भाव लिए कविता |बधाई
जवाब देंहटाएंआशा
परम आदरणीय सर, बहुत ही सुंदर कविता हैं ....जय हिंद !!!
जवाब देंहटाएंभूखे शिशु को दूध पिलाने की कोशिश में,
जवाब देंहटाएंअक्सर ही जागा करती हो..!
तुम भी तो भारत माता हो..
बहुत ही भावपूर्ण पंक्तियाँ है ...और सच्चाई को उकेर गयीं हैं...
अच्छी लगीं...
अर्धरात्रि में बच्चे के लिए जागने वाली माँ ...
जवाब देंहटाएंतुम भी तो भारत माता हो ...
शुभ दृष्टि ...!