बुधवार, 4 फ़रवरी 2015
Sab Kuchh Sikha Hamane Arvind Pandey Sings Mukesh
बुधवार, 24 दिसंबर 2014
किशोर कुमार का समां है सुहाना सुहाना मेरे स्वर में
Sama Hai Suhana Suhana Arvind Pandey: http://youtu.be/PM7pIcWBqfQ
किशोर का समां है सुहाना सुहाना मेरे स्वर में
Sama Hai Suhana Suhana Arvind Pandey: http://youtu.be/PM7pIcWBqfQ
Labels:
samaa hai kishorkumar
Location:India
Patna, Patna
बुधवार, 17 सितंबर 2014
O Mere Shahe Khuba Arvind Pandey Sings Rafi
बुधवार, 10 सितंबर 2014
अम्बर की अनुकम्पा
अम्बर की अनुकम्पा से जल-विन्दु अवनि पर उतर रहे.
मानो प्रफुल्ल नंदन-कानन से तरल-सुरभि अनवरत बहे.
मानव के द्वारा मानव पर अत्याचारों से पीड़ित-जन,
नभ-जल से अभिषिन्चन कर कर संताप हृदय का बुझा रहे .
-- अरविन्द पाण्डेय...
बुधवार, 3 सितंबर 2014
सारे भारत की हुंकार.
अब तो :
सारे भारत की हुंकार.
बंद करो मानव व्यापार.
हम इसे एक आन्दोलन का रूप देना चाहते हैं...
आज वैशाली का प्रथम दिन था मानव व्यापार विरोधी दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का...........अब नौ जिले और बाकी है...जिसके बाद राज्य के सभी जिलों में यह कार्यशाला होगी......
.
दूसरी बात :
1. बिहार में मानव व्यापार के विरुद्ध पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई, देश के अन्य राज्यों से अधिक प्रभावी है और मुक्ति-अभियान पूरी तरह से क़ानून-सम्मत तरीके से संचालित और संपन्न होता है,,
2. बिहार में अन्य राज्यों की पुलिस की तुलना में पुलिस द्वारा मानव अधिकारों के उल्लंघन की घटनाएँ बहुत ही कम होती हैं.....कोई भी व्यक्ति मानव अधिकार आयोग की वेब साइट में यह तथ्य देख सकता है ,,,
3. देश का प्रथम राज्य है बिहार जहां पाक्सो अधिनियम में न्यायालय द्वारा अपराधी को दण्डित किया जा चुका है.
शुभ रात्रि !
सोमवार, 1 सितंबर 2014
पुलिस का नया प्रयोग - सशक्तीकरण सभा :
पुलिस का नया प्रयोग - सशक्तीकरण सभा :
आज इस सभा का आयोजन अब पुलिस का एक आन्दोलन बन चुका है....... बिहार के चालीस जिलों में सभी महिला थानाध्यक्षों द्वारा महाविद्यालयों में जाकर यह सभा आयोजित की जा रही है जिसमें '' छात्राओं को आत्म-सुरक्षा के प्रति स्व-संवेदनशील '' बनाने के लिए संवाद किया जाता है...... आई जी,कमजोर वर्ग के रूप में मैंने महिला थानाध्यक्षों के नेतृत्त्व में यह सभा बिहार के सभी जिलों में महिला महाविद्यालयों - कन्या विद्यालयों में आयोजित किये जाने का निर्देश दिया था .........................जो अब बिहार पुलिस का एक आन्दोलन बन चुका है............
रविवार, 31 अगस्त 2014
सशक्तीकरण : लेखक : अरविन्द पाण्डेय
पुस्तक का नाम '' सशक्तीकरण '' : लेखक : अरविन्द पाण्डेय !!
बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री जीतनराम मांझी जी द्वारा 23 अगस्त 2014 को संवाद भवन,पटना में ''सशक्तीकरण'' का लोकार्पण किया गया..
इस पुस्तक में 9 खंड हैं...... इसमें मेरे द्वारा सृजनात्मक पुलिसिंग के लिए किये गए कुछ प्रयोगों से सम्बंधित अध्याय भी हैं ...... 1.सशक्तीकरण सभा..2. किशोर्न्याय सभा. 3. परामर्श सभा -- ये तीन अध्याय अतिशय फलप्रद और जनोन्मुख पुलिसिंग के आधार-स्तम्भ बन सकते हैं....
...................अनेक वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में बिहार के आदरणीय पुलिस महानिदेशक और समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव श्री अमरजीत सिन्हा, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के सचिव श्री हुकुम सिंह मीणा द्वारा भी अपने विचार व्यक्त किये गए.......
......................... यह पुस्तक मानव-व्यापार निरोध, अत्याचार निवारण और निरोध, किशोर न्याय और स्त्री के विरुद्ध अपराध के विभिन्न पक्षों पर विधिक हस्तक्षेप की प्रविधियां प्रस्तुत करती है..........इसे बिहार के सभी पुलिस अधिकारियों को निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा ..........
बंद करो मानव व्यापार.
सारा भारत करे पुकार.
बंद करो मानव व्यापार.
बिहार के 20 जिलों में कमजोर-वर्ग द्वारा चलाई जा रही ग्यारहवीं कार्यशाला का समापन आज पटना के एस.के.मेमोरियल सभागार में हुआ .....................
..................इस दो दिवसीय ' मानव व्यापार निरोध ' विषयक कार्यशाला में पटना के सभी थानाध्यक्षों सहित अन्य पुलिस अधिकारियों ने समर्पण की स्वतः प्रसूत पवित्र भावना के साथ भाग लिया ....
................उदघाटन-समापन के अवसरों पर कार्यशाला में पटना के सभी वरीय अधिकारियों - आई.जी. डी.आई.जी. एस एस पी , डी . एम. ने अपने अनुभवों से प्रतिभागियों को लाभान्वित किया....
.................... कार्यशाला में मैंने सभी को मानव-व्यापार निरोध की तकनीकों को अपने निजी अनुप्रयोगों के माध्यम से बताया..... कार्यशाला का एक दृश्य.......
अरविन्द पाण्डेय
सोमवार, 18 अगस्त 2014
वे दोनों हैं रत्न ...
हज़ारों साल कुदरत खुद ही खुद में कसमसाती है.
तभी जाकर रफ़ी जैसी कोई आवाज़ आती है.
कोई आवाज़, जब महसूस हो,जन्नत से आई है.
किसी बच्चे को अभी मुकेश ने लोरी सुनाई है .
भारत के 100 अरब से अधिक जीवित और स्वर्गवासी लोगों के जीवन को अपने स्वर-सौरभ से रफ़ी साहब और मुकेश जी ने सानंद बनाया ............ मेरे विचार से सबसे पहले इन दो महान भारतीयों को '' भारत रत्न '' मिलना चाहिए.....
.............. सुभाष बाबू तो रत्न नहीं रत्नागार थे.........
उनके प्रेरक व्यक्तित्व से तो रत्नों का निरंतर जन्म होता रहता है......
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