अरविन्द जी, ब्लॉग विचरण करते-करते आपके घर {ब्लॉग} पर आ पहुंचा, यह जानकर अत्यन्त सुखद अनुभव हुआ की आप हमारे पडोसी जनपद के ही है. आपके विचार जानकर और भी प्रशन्नता हुयी, मुकेश जी के गीत भी आपके स्वर में सुने. आपकी सभी रचनाये हमें बेहद पसंद आई. कृपया यहाँ भी समय निकाल कर आयें. -- Harish Singh संस्थापक/संयोजक http://upkhabar.in/ {भारतीय ब्लॉग लेखक मंच}
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बहुत सुन्दर ...नवीन मधुशाला
जवाब देंहटाएंGreat!
जवाब देंहटाएंGreat Great!!
Great Great Great Composition!!!
अहा, अध्यात्म-मधु निर्झर बह रहा है इस ध्यान प्रक्रिया में।
जवाब देंहटाएंविपश्यना की ऐसी मधुर परिभाषा पहले कभी नहीं पढ़ी, बधाई !
जवाब देंहटाएंपरम आदरणीय सर , भगवान बुद्ध की बहुत ही सुंदर एवं उत्कृष्ट रचना हैं ...सादर .
जवाब देंहटाएंअरविन्द जी, ब्लॉग विचरण करते-करते आपके घर {ब्लॉग} पर आ पहुंचा, यह जानकर अत्यन्त सुखद अनुभव हुआ की आप हमारे पडोसी जनपद के ही है. आपके विचार जानकर और भी प्रशन्नता हुयी, मुकेश जी के गीत भी आपके स्वर में सुने. आपकी सभी रचनाये हमें बेहद पसंद आई.
जवाब देंहटाएंकृपया यहाँ भी समय निकाल कर आयें.
--
Harish Singh
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