सोमवार, 21 अप्रैल 2014

Aravind Pandey recites William Wordsworth and Sings Kishor

ईस्टर पर ईश्वर-पुत्र ईसा की स्मृति में उन्हीं को समर्पित :

Aravind Pandey recites William Wordsworth : 
The Poem : By the Sea..... 

यह सुहासिनी सुन्दर संध्या , शान्तिमान एवं स्वतंत्र है...........

and Sings Kishor .................

आ चल के तुझे ............

रविवार, 20 अप्रैल 2014

भगत, सुखदेव अब कभी न यहाँ आएगें ..

23 मार्च 
इन्कलाब जिंदाबाद 

दिया जला के शहादत का हमको छोड़ चले
हुए फना पर आँधियों का भी रुख मोड़ चले 
मगर सोचा न था-ऐसा भी वक़्त आएगा
बस एक दिन ही भगत याद हमें आयेगा 

हर एक बाप ये सोचेगा कि उसका बेटा 
कहीं अशफाक,भगत सा न ज़िन्दगी दे लुटा 
हर एक नौजवाँ सलमान की तस्वीर लिए
बस,उस जैसा ही बन के जीने के लिए ही जिए 

किया है हमने जो सलूक शहीदों से,सुनो
उसे न माफ़ ये तारीख करेगी , सुन लो 
जो लूटते हैं मुल्क को वो मुस्कुराएगें 
भगत, सुखदेव अब कभी न यहाँ आएगें 

-- अरविन्द पाण्डेय


रविवार, 13 अप्रैल 2014

Ek Tera Sundar Mukhada Aravind Pandey

मेरे स्वर में रफ़ी साहब का मधुरतम गीत ,
हिन्दी फिल्म : भाई भाई

इक तेरा सुन्दर मुखड़ा , इक तेरा प्यार से भरा दिल,
मिलना मुश्किल ....


शुक्रवार, 11 अप्रैल 2014

प्रकृति का श्रृंगार तब तक रहेगा बिल्कुल अधूरा


प्रकृति का श्रृंगार तब तक रहेगा बिल्कुल अधूरा.
जब तलक प्रत्येक जन का स्वप्न हो जाए न पूरा.
गिरि, नदी, पर्वत सभी में चेतना है सुप्त, तन्द्रिल,
किन्तु, प्राणी में प्रकट है प्रकृति का संकल्प पूरा.


अरविंद पाण्डेय 
 www.biharbhakti.com