तुम हो वही,तुम थे यही,फिर क्या बदल गया.
चूहे निकल कर बिल से , परेशान कर रहे !!
शनिवार, 14 मई 2016
तुम हो वही ..
गुरुवार, 5 मई 2016
डिग्रियां
मिलती हैं डिग्रियां जहां चेहरे को देखकर,
उस दौर में तुम पूछते हो डिग्रियां मेरी
ऐ दोस्त, अब तो दौर यहां #Odd_Even का,
मुमकिन है Even डिग्रियां भी Odd सी लगें.
है फ़र्क़ नज़रिये का कोई Odd ना Even,
कहते हो जिसे Odd, Even लोग कह रहे.
जब डिग्रियों की शर्त संविधान में नहीं,
फिर डिग्रियों की फ़िक़्र क्यूँ सता रही तुम्हें
मंगलवार, 3 मई 2016
कुछ बच्चे ....
कुछ बच्चे रोटियां चुरा के बेईमान हो गए.
मगर जो मुल्क़ की इज़्ज़त ही चुरा लेते हैं,
उन्हें बेईमान क्या कहा, वो परेशान हो गए.
शनिवार, 23 अप्रैल 2016
Chhupa Lo Yun Dil Me Pyar Mera cover by Samiksha
#मनुवाद और #ब्राह्मणवाद
#मनुवाद और #ब्राह्मणवाद
यदि आपके मन में सनातन धर्म और महाराज मनु के प्रति ज़रा भी सम्मान हो तो आपको मनुवाद और ब्राह्मणवाद जैसे शब्दों को अपने स्वार्थवश अनावश्यक लांछित करने वाले लोगों का पूरा बहिष्कार करना चाहिए और देश के किसी भी राज्य में अथवा दुनियां के किसी भी देश में उन्हें किसी भी तरह का समर्थन नहीं देना चाहिए चाहे ऐसे लोग आपके द्वार पर करबद्ध भिक्षुक-विशेष के रूप में नतशिर होकर ही क्यों न खड़े हों......
...... यहाँ फिर दावा किया जाता है कि जिन दो चार श्लोकों के आधार पर महाराज मनु को स्त्री और शूद्र विरोधी घोषित किया जाता है वे उनके द्वारा नहीं लिखे गए अपितु अंग्रेजों द्वारा मनुस्मृति के सम्पादन के समय षड्यंत्रपूर्वक डाल दिए गए ....
.... वास्तव में महाराज मनु ने मानव धर्म सूत्र लिखा था जो सैकड़ों वर्ष पहले से अनुपलब्ध है ....
रविवार, 27 दिसंबर 2015
पाकिस्तान के वज़ीरे आज़म नवाज़ शरीफ के लिए
पाकिस्तान के वज़ीरे आज़म नवाज़ शरीफ के लिए एक नज़्म 💚
क्या बात है हुकूमत हटती नहीं तुम्हारी ,
बदले न एक तुम हो, बदली है दुनियां सारी.
बुश से भी तुम मिले थे, हाथों में हाथ डाले,
अब तो बराक के भी प्याले से सटे प्याले .
हर इक वज़ीरे आज़म हिन्दोस्ताँ का तुमसे
मिलता है गले जैसे यारी हो जाने कब से.
हाफ़िज़ सईद फिर क्यूँ फैला रहा ज़हर है,
दाऊद सा दरिंदा क्यूँ पाक़ के शहर है.
चीनीफरोश हो तुम दुनियां ये जानती है,
फिर फ़ौज क्यूं तुम्हारी बन्दूक तानती है.
उन फ़ौजियों को भी कुछ,चीनी कभी खिलाओ,
अपनी तरह ही यारी का पाठ कुछ पढ़ाओ.
वर्ना जो सब्र फिर से हिन्दोस्ताँ का छूटा,
फिर हिन्द की वजह से, कहना न पाक़ टूटा.
--- अरविन्द पाण्डेय 💚💚💚💚
बुधवार, 11 नवंबर 2015
श्रीश्रीहनुमज्जयंती विजयते
हरिः ॐ तत्सत् महाभटचक्रवर्तीरामदूताय नमः
श्री हनुमान जी महाराज को गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस में स्तुति करते हुए लिखा है :
दनुजवनकृषानुं ज्ञानिनामग्रगण्यं
श्री हनुमान् जी महाराज को ज्ञानिनामग्रगण्यं क्यों कहा गया - यह जानने के लिए प्रत्येक श्रद्धालु को श्री वाल्मीकि कृत रामायण का सुन्दरकाण्ड अवश्य पढ़ना चाहिए ।
आज श्री हनुमान् जयन्ती है । श्री हनुमान् जी महाराज को प्रणमन
और आप सभी को
#श्रीहनुमान्-जयन्ती की #मंगलकामनाएं