खाक न हो खाकी की इज्ज़त
पियो न खादी की हाला
मित्र , न समझो पद कुर्सी को
मनमोहक साकी - बाला
देशभक्ति जब बने सुरा औ '
देश बने जब मदिरालय
तब, खाकी खादी को मधु से
तृप्त करेगी मधुशाला
---अरविंद पाण्डेय
पियो न खादी की हाला
मित्र , न समझो पद कुर्सी को
मनमोहक साकी - बाला
देशभक्ति जब बने सुरा औ '
देश बने जब मदिरालय
तब, खाकी खादी को मधु से
तृप्त करेगी मधुशाला
---अरविंद पाण्डेय