एक शोध के अनुसार, कविता का नियमित अध्ययन और संभव हो तो काव्य - रचना , मस्तिष्क की स्मृति संबंधी कोशिकाओं को सशक्त करता है.. और ऐसा करने से वृद्धावस्था तक स्मृति शक्ति तीव्र बनी रहती है ..इसीलिये भारतीय संस्कृति में रामायण , गीता आदि के नियमित पारायण की व्यवस्था की गई है.. ..यह पारायण, अर्थ ज्ञान के साथ करने का विधान है ..सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम रसूलल्लाह ने भी फरमाया है कि चाहे एक ही आयत पढ़ने में रातभर का वक्त लग जाय पर मतलब समझते हुए कुरआन शरीफ की तिलावत करनी चाहिए ..
----अरविंद पाण्डेय