tag:blogger.com,1999:blog-3867819628811232297.post2878220464552328147..comments2023-09-13T01:13:19.961+05:30Comments on परावाणी : The Eternal Poetry : An Appeal by Karl Marx : 1870 के पेरिस कम्यून से बाहर निकलो कामरेड्समाँ विन्ध्यवासिनी की महिमाhttp://www.blogger.com/profile/09450393394509441741noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3867819628811232297.post-45052270277619962012012-06-02T23:25:57.100+05:302012-06-02T23:25:57.100+05:30"यदि जन-सेवा है साम्यवाद,
है न्याय दिलाना साम..."यदि जन-सेवा है साम्यवाद,<br />है न्याय दिलाना साम्यवाद,<br /><br />शोषण का खात्मा साम्यवाद, <br />रिश्वत ना लेना साम्यवाद, <br /><br />तब मैं हूँ शुद्ध साम्यवादी, <br />मै हूँ असली माओवादी, <br /><br />अरविंद पाण्डेय.<br /><br />"सत्य के रक्षक और सन्मार्ग के पथिक ही वास्तविक साम्यवादी होते हैं,अरविन्द भैया." <br /><br />नमन आपकी सोच को,<br />नमन आपके दर्शन को,<br />मेरा साधुवाद स्वीकार करें,<br /><br />संजय कुमार शर्माSanjay Kumar Sharmahttps://www.blogger.com/profile/05916933160923515698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3867819628811232297.post-60712607883619918472012-06-02T08:53:46.819+05:302012-06-02T08:53:46.819+05:30इस विषय पर वर्षों से ध्यान न देकर इसे और भी संवेदन...इस विषय पर वर्षों से ध्यान न देकर इसे और भी संवेदनशील बना दिया गया है, अत्यन्त तार्किक आलेख।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com