रविवार, 26 अप्रैल 2015

पृथिवी शान्तिः


भूकंप सदृश संकट में निर्भय-चित्त और अक्षत-विवेक बने रहने से आप उस संकट से बचने में और दूसरों को बचाने में सफल होंगें .......
.............. इसलिए चित्त और अभिव्यक्ति के स्तर पर निर्भय बनें रहें और स्वयं को तथा अन्य संकटग्रस्त लोगों को बचाने हेतु भौतिक, संकल्पात्मक,बौद्धिक, मानसिक, आध्यात्मिक प्रयास करते रहें ............
............. अपने निजी स्वार्थ में पर्यावरणीय और पारिस्थितिकीय असंतुलन पैदा करने वाले लोगों पर इस संकट का सीधा प्रभाव नहीं पड़ रहा है वे बचकर भी निश्चिन्त न रहें............
............... उन्हें भी उनकी नियति ले जायेगी उस गर्त में जहां गिर कर वे अपने द्वारा किये गए प्राकृतिक अपराधों के प्रति पश्चात्ताप करेंगें .........



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