परावाणी : The Eternal Poetry
Creative Policing by Arvind Pandey
Pages
मुख्यपृष्ठ
My Website
Creative Policing : Arvind Pandey
हिन्दी कविता और मैं
My Yoga
My Videos
My Speech
Bihar State Sports Authority
Like on Facebook
Follow on Twitter
Bihar Police Blog
शुक्रवार, 15 मार्च 2013
जय जय जय जयति परावाणी
जो वाणी, परिनिष्ठित ऋत में ,
वह वाणी, सिद्ध परावाणी !
क्षण क्षण जो क्षरण-शील कण है,
वह अक्षर करे, परावाणी !
बिखरी वैखरी विकल जो है ,
वह वाणी अविरत है आकुल ,
वीणा सी जो झंकार करे ,
जय जय जय जयति परावाणी
अरविंद पाण्डेय
www.biharbhakti.com
नई पोस्ट
पुराने पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
संदेश (Atom)