शनिवार, 5 फ़रवरी 2011

ऐ माँ ! हैं मुझे याद वो बचपन के मेरे दिन



ऐ माँ ! हैं मुझे याद वो बचपन के मेरे दिन.
चलने की कोशिशों में जब गिरने  लगा था मैं.
नन्हें से मेरे हाथ को हर बार पकड़ कर .
गिरते हुए बचने का हुनर तूने सिखाया .



----अरविंद पाण्डेय