सोमवार, 18 अप्रैल 2011

श्रीराम-कार्य-कौशल-प्रवीण हनुमान ..



श्री श्री हनुमज्जयंती :
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श्रीराम-कार्य-कौशल-प्रवीण,हनुमान, स्वर्ण-पर्वताकार.
 पुरुषार्थ-विजित-सागर विशाल,विदलित-रावण मुष्टिक-प्रहार.
हुंकार-मात्र-रण-विजय-दक्ष,दानव-दल-विदलक प्रतीकार.
प्रज्ञान-सिन्धु, अज्ञान-तिमिर-नाशक,अखण्ड-मंडलाकार .

-- अरविंद पाण्डेय 


5 टिप्‍पणियां:

  1. आपको हनुमान जयंती की शुभकामनायें ....जय बजरंग बली

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  2. सुंदर प्रार्थना श्री अन्जनेय की ....!!

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  3. नमस्ते अनुपमा जी, चैतन्य जी ..

    प्रवीण भाई...अब आप मुझे अपना पूरा परिचय दीजिए..कल समय कम था..मुझे निराला जी की '''राम की शक्ति पूजा'' का स्मरण हुआ..मन में प्रेरणा हुई कि श्री हनुमान जी की स्तुति उसी छंद में करूं और ये एक छंद ही लिख पाया...
    आपने मेरी मनः स्थिति को ही अंकित कर दिया.. अद्भुत ... आदरणीय ...

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  4. श्री श्री हनुमज्जयंती के शुभ अवसर प़र मुझे भी शक्ति प्रदान करे सर ....जय बजरंगवली

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