शुक्रवार, 3 अप्रैल 2009

आज करेंगीं मां जगदम्बा महिषासुर संहार



आज करेंगीं मां जगदम्बा महिषासुर-संहार
सुनकर ब्रह्मा ,विष्णु, रुद्र से अपनी जयजयकार


जीत लिया है स्वर्ग इन्द्र से, स्वयं इन्द्र है बना हुआ
सूर्य, अग्नि ,यम, वरुण ,रुद्र से उनके हक को छीन लिया
सारे जग में फैल रहा महिषासुर का आतंक घना
धरती क्या , आकाश और पाताल तलक परतंत्र बना

ब्रह्मा को ले साथ गए सब देव, विष्णु, शिव के आगे
पूछा कैसे महिष मरे , कैसे अपनी किस्मत जागे

आज करेंगीं मां जगदम्बा महिषासुर-संहार ...



सब देवों से प्रकट हुआ तब , उस पल भारी तेज वहाँ
कुछ पल में ही गरज उठीं जगदम्ब भवानी तभी वहाँ
दिया विष्णु ने चक्र , रुद्र ने शूल किया अर्पण उनको
शंख वरुण ने ,वज्र इन्द्र ने , ब्रह्मा ने माला उनको
क्षीर-सिन्धु ने पायल ,कुंडल , चूडामणि है दान किया
सिंह हिमालय ने सागर ने कमल फूल से मां किया

आज करेंगीं मां जगदम्बा महिषासुर संहार ....


अट्टहास जब किया अम्ब ने दैत्यों की सेना भागी
जीवन-दीप बुझे दैत्यों के , देवों की किस्मत जागी
चंडी नें चक्षुर , चामर असिलोमा का वध किया वहीं
सारे देव और ऋषि-गण भी करते थे स्तुति खड़े वहीं
देख गरजता महिषासुर को,बोलीं मां जगदम्बा यूँ :
बस कुछ पल तू और गरज ले, तब तक मैं मधु पीती हूँ

इतना कह कर , भगवती जगदम्बा , अपनें वाहन सिंह के स्कंध से उछल पड़ीं और उस महिष-रूपधारी महादैत्य के ऊपर चढ़ गयीं । इसके बाद , उन्होंने उसके कंठ पर अपने शूल से प्रहार किया । तब महिष का मस्तक कट गया और उस कटी हुई गर्दन से वह महादैत्य बाहर निकालने लगा । तब देवी ने विशाल कृपाण निकाली और उसका मस्तक काट गिराया । इसके बाद दैत्यों की विशाल सेना हाहाकार करती हुई भाग गयी । सभी देवता अति प्रसन्न हुए और श्री जगदम्बा की स्तुति करने लगे ।

आज करेंगीं मां जगदम्बा महिषासुर-संहार ....
सुनकर ब्रह्मा ,विष्णु, रुद्र से अपनी जयजयकार ..
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यह गीत मेरे द्वारा २००३ में लिखा और संगीतबद्ध किया गया था और वीनस म्यूजिक कंपनी द्वारा इसे रिकॉर्ड कराकर बाज़ार में प्रस्तुत किया गया था । यह गीत नंदिता के स्वर में है जिसका साथ मैंने भी दिया है । ESNIPS
पर यह गीत उपलब्ध है जिसे डाउन लोड किया जा सकता है । जिसका लिंक नीचे दिया गया है ।
पवित्र नवरात्र के अवसर पर यह भक्ति - गीत सभी मित्रों को सादर समर्पित है ॥

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----अरविंद पाण्डेय