रविवार, 23 नवंबर 2008

व्यर्थ के आकर्षणों से मुक्त जो राही ..



योजना ही मार्ग निष्कंटक बनाती है . 
लक्ष्य - केन्द्रित दृष्टि ही मंजिल दिलाती है ॥

व्यर्थ के आकर्षणों से मुक्त जो राही ..
विजय का आनंद पाता है सदा वह ही

---अरविंद पाण्डेय

शुक्रवार, 14 नवंबर 2008

खाक न हो खाकी की इज्ज़त..


खाक न हो खाकी की इज्ज़त
पियो न खादी की हाला

मित्र , न समझो पद कुर्सी को
मनमोहक साकी - बाला

देशभक्ति जब बने सुरा औ '
देश बने जब मदिरालय

तब, खाकी खादी को मधु से
तृप्त करेगी मधुशाला


---अरविंद पाण्डेय

बुधवार, 12 नवंबर 2008

जियो तो ऐसे जियो कि जिससे लोग तुम्हारा मान करें..

हम बिहार के नौजवान हैं
हम भारत की आन बान हैं

बारूदों से भरी राह पर
हम बेफिक्र बढे जाएँ

हम कांटो का हार बनाकर
इक दूजे को पहनाएं

जन जन की रक्षा को हम सब
अपना तन मन धन खोये

हम जगते रातों को जिससे
सुख की नींद सभी सोयें

हम मिट जाँय मगर विजयी हो
अमर बिहार महान

आज हम सभी तुम्हे दे रहे
अपना यह पैगाम

जियो तो ऐसे जियो कि जिससे
लोग तुम्हारा मान करें

मरो तो ऐसे मरो , तुम्हारे लिए
ये दुनिया आह भरे

जिस मिट्टी में जनम लिया है
जिस माता का दूध पिया है
जिस कूएं ने प्यास बुझाई
क्या , कुछ तुमने उसे दिया है

हम बिहार के नौजवान हैं
हम भारत की आन बान हैं

---अरविंद पाण्डेय